First images of Ramlala Ayodhya are released !!
श्री राम स्तुति (Shri Ram Stuti)
हरण भवभय दारुणं ।
नव कंज लोचन कंज मुख
कर कंज पद कंजारुणं ॥१॥
कन्दर्प अगणित अमित छवि
नव नील नीरद सुन्दरं ।
पटपीत मानहुँ तडित रुचि शुचि
नोमि जनक सुतावरं ॥२॥
भजु दीनबन्धु दिनेश दानव
दैत्य वंश निकन्दनं ।
रघुनन्द आनन्द कन्द कोशल
चन्द दशरथ नन्दनं ॥३॥
शिर मुकुट कुंडल तिलक
चारु उदारु अङ्ग विभूषणं ।
आजानु भुज शर चाप धर
संग्राम जित खरदूषणं ॥४॥
इति वदति तुलसीदास शंकर
शेष मुनि मन रंजनं ।
मम् हृदय कंज निवास कुरु
कामादि खलदल गंजनं ॥५॥
मन जाहि राच्यो मिलहि सो
वर सहज सुन्दर सांवरो ।
करुणा निधान सुजान शील
स्नेह जानत रावरो ॥६॥
एहि भांति गौरी असीस सुन सिय
सहित हिय हरषित अली।
तुलसी भवानिहि पूजी पुनि-पुनि
मुदित मन मन्दिर चली ॥७॥
॥सोरठा॥
जानी गौरी अनुकूल सिय
हिय हरषु न जाइ कहि ।
मंजुल मंगल मूल वाम
अङ्ग फरकन लगे।
रचयिता: गोस्वामी तुलसीदास
रामलला की प्रतिमा: अयोध्या के राममंदिर के गर्भगृह में भगवान Ram Mandir Ayodhya
भगवान रामलला की प्रतिमा: अयोध्या स्थित राममंदिर में 22 जनवरी को होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारी जारी है। इस दौरान गर्भगृह में स्थापित होने वाली भगवान राम की प्रतिमा की पहली तस्वीर सामने आई है। पहले तस्वीर में रामलला की प्रतिमा की आंखों पर पट्टी थी, जो अब हटा दी गई है। इससे पहले आई तस्वीर से रामलला की प्रतिमा की आंखों से पट्टी हटाई गई दिखती है।
मधुर मुस्कान और माथे पर तिलक: रामलला की प्रतिमा में माथे पर तिलक और चेहरे पर मधुर मुस्कान है। इस मूर्ति को मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है, जिसे कल रात गर्भगृह में स्थापित किया गया था।
पूजारी अरुण दीक्षित की बयान: प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के अब तक के आयोजन से जुड़े पुजारी
आ गए प्रभु राम: अयोध्या Ayodhya में आने वाला आनंद
*अयोध्या में धरोहर की नई चौंकाने वाली पराकाष्ठा*
भगवान श्रीराम के मंदिर की श्रद्धालुओं के लिए यह एक अद्वितीय पल है! आखिरकार अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर की पराकाष्ठा हो गई है, और राम भक्तों के दिलों में अब आनंद का हंगामा है।
*चित्र विमोचन: पहली बार देखे गए भगवान राम के चित्र*
मंदिर में भगवान श्रीराम की मूर्ति स्थापित हो गई है, और उसके साथ ही चित्रों का अनावरण भी हो गया है। यह एक ऐतिहासिक क्षण है जब पहली बार राम भक्तों ने अपने इष्टदेव के चित्रों को देखा है। इस महोत्सव में चित्रों की विमोचन से हर कोने में आनंद का वातावरण है।
*राम मंदिर की समृद्धि और उम्मीद*
भगवान श्रीराम के मंदिर की शुरुआत से एक नई समृद्धि का क्षण आया है। यह संकेत है कि अयोध्या का अद्भुत भविष्य आगे बढ़ रहा है और राम भक्तों के लिए यह एक अद्वितीय संतोष का समय है।
*धार्मिक स्थल पर समृद्धि का प्रतीक*
राम मंदिर की नींव रखने का माहौल अब वहाँ एक धार्मिक स्थल की ऊँचाइयों की बात कर रहा है। राम भक्तों के लिए यह स्थल एक आदर्श स्थान बन गया है, जो उन्हें अपने ईश्वर के साथ एक सांगतिक जुड़ाव महसूस करने का अवसर देता है।
*अयोध्या के लोगों की आत्मविश्वास में वृद्धि*
राम मंदिर की श्रद्धालुओं की आत्मविश्वास में वृद्धि हो रही है। अयोध्या के लोग इस महत्वपूर्ण क्षण को अपने जीवन का एक अनुपम हिस्सा मान रहे हैं और उनकी आत्मा में नई ऊर्जा का अनुभव हो रहा है।
*धरती पर आया भगवान का आशीर्वाद*
प्रभु राम के मंदिर में आशीर्वाद बरसा है। इस समय की महत्वपूर्ण घड़ी में, हम सभी को एक-दूसरे के साथ जुड़कर समृद्धि और खुशियों की ओर बढ़ने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
आज, अयोध्या ने हमें
एक नई शुरुआत का संकेत दिया है, और हमें एक और एक से जुड़कर सामूहिक समृद्धि की ऊंचाइयों को छूने का संकेत है। आशा है कि हम सभी मिलकर एक सशक्त, समृद्ध और सजीव भविष्य की ओर बढ़ेंगे।
यह विशेष क्षण है, जब सनातन प्रेमी और राम भक्तों को अपने प्रिय देवता के मंदिर का साकार रूप से अनुभव हो रहा है। इस अद्वितीय समय में, हर भक्त की आँखों में चमक है और उनके हृदय में अनगिनत आशीर्वाद हैं। सनातन धरोहर के इस महत्वपूर्ण पल में, हर राम भक्त का दिल हर्ष से भरा हुआ है और उनकी उम्मीदें नए ऊचाइयों को छूने की दिशा में हैं।
इस अद्वितीय यात्रा की राह पर, सभी भक्तों का साथ है, और उन्होंने इस अनुपम समय को अपने जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय माना है। भगवान श्रीराम के आगमन ने सभी को एक साथ लिपटा हुआ है और उनका दिल धन्यवाद से भरा हुआ है। यह नहीं केवल एक आध्यात्मिक घड़ी है, बल्कि एक सामाजिक संगठन और एकता की भी शुरुआत है।
इस अद्वितीय क्षण में, सनातन प्रेमी और राम भक्तों को एक नया आदान-प्रदान का मौका मिला है, और उन्होंने इसे खूबसूरती से स्वीकार किया है। भगवान श्रीराम के मंदिर में आनंद का यह महोत्सव सनातन संस्कृति के साथ मिलकर एक नए अध्याय की शुरुआत कर रहा है, जिसमें सभी भक्त अपने आदर्शों और सिद्धांतों के साथ मिलकर एक सम
JAY Shree RAM
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